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मुस्लिम आक्रांता को महिमामंडन ?

AKELA
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आज कुछ ही संगठन इसका विरोध कर रहे है जिनको राष्‍ट्रीय अस्मिता पर कुछ विचार करना जरूरी लगता है शेष हिन्दू समाज आज भी इन संवेदनशील मुद्दों से अधिक सरोकार नहीं रखता है हद है कि कोई मुस्लिम आक्रांता को महिमामंडन कर रहा है और अधिक से अधिक जनता आज भी उस दृश्य के देखना चाहता है जो ख़िलजी के साथ पद्मिनी पर फ़िल्माया गया है एक स्वाभिमानी महारानी को उमराव जान की तरह नृत्य करते हुए दिखा रहा है और हमें घूमर देखने की दिलचस्पी है यह नहीं कि कैसे उसे फ़िल्माया गया.

आजकल हम इतने विक्षिप्त मानसिकता के हो गये हैं कि कोई आत्महत्या करता हुआ दिखे तो उसे बचाने के बजाय उसका वीडियो बनाना हमें ज्यादा अच्छा लगता है जो संगठन इसका विरोध कर रहे हैं उनको ज्यादा लोग सहायता करने वाले नहीं है अधिकतर लोग तो पद्मिनी फिल्म नहीं दीपिका के ठुमके देखने में दिलचस्पी रखते है इसका कारण हमारी फीमों का गिरता स्तर है पहले फिल्मों में एक नायिका होती थी और एक खलनायिका , आज एक ही अभिनेत्री दोनों तरह के किरदार एक ही फिल्म में कर रही है फिर अच्छी और बुरी स्त्री या पुरुष का फर्क मिटता जा रहा है यह तर्क वाकई समझ में आता है कि सामाजिक मान्यताओं पे चोट पहुंचने का काम सिर्फ हिन्दू के साथ ही क्यो किया जाता है कोई मोहम्मद पर चित्र भी बना दे, कार्टून बना दे तो उसकी जान तक ली जाती है इसका उदाहरण भी हमने हाल में देखा है उलजलूल फतवे भी माने जाते है क़ुरान जलाने पर हाथ काटने का प्रावधान है और हुआ भी है लेकिन गीता की किसी को कद्र ही नहीं है उसके नाम पर झूठी शपथ खाई जा सकती है

मैं हिन्दुओं को जागने को बिल्कुल नहीं कहना चाहता क्योंकि हमें सेक्युलर बनने का जो शौक चर्राया है जब तक वो हमें जलकर राख न करे हम सुधारने वाले नहीं है ठोकरखाने पर ही अकल आये तो ठीक है सीधे रास्ते समझाना तो दीवाल पर सिर् मारने जैसा है आज हम अपनी सभ्यता भी पूरी तरह भूल चुके है तिलक लगाकर अगर आफिस पहुचे तो है टोपी या क्रास पहनकर आफिस जाये और खुले में नमाज़ पढ़े तो आधुनिक माने जाते है शुक्रवार को कार्य स्थल पर आपको नमाज़ के लिये छुट्टी मिल जायेगी और मंगलवार को हनुमान मंदिर जाने के लिये छुट्टी मांगकर देखिये आपके हिन्दू बास आपको पिछड़ा घोषित कर देंगे ऐसे मे मुझे नहीं लगता कि पद्मावती के मुद्दे पर इतिहास से खिलवाड़ के मुद्दे पर सामाजिक संगठन कुछ कर पायेंगे वही हाल होना है जो पिछली फिल्मों का हुआ और हम कहते फिरेंगे “मेरा भारत महान”

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